Thursday 22 September 2011
Sunday 18 September 2011
रफ़ी साहब की मख़मली आवाज़ में एक अविस्मरणीय गुजराती ग़ज़ल
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साभार ब्लॉग सुखनसाज
अख़्तरीबाई फ़ैज़ाबादी यानी बेगम अख़्तर की ये गुजराती ग़ज़ल.
में तजी तारी तमन्ना तेनो आ अंजाम छे
के हवे साचेज लागे छे के तारू काम छे
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साभार : • ब्लॉग सुखनसाज
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के हवे साचेज लागे छे के तारू काम छे
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साभार : • ब्लॉग सुखनसाज
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Saturday 17 September 2011
ट्रेसी चैपमैन 1 - द ब्रिजेज़ वी बर्न कम बैक वन डे टू हौंट यू
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ट्रेसी चैपमैन
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शानदार आवाज़ में एक प्रेमगीत 'द प्रॉमिस'.
Thursday 15 September 2011
पंजाबी लोकगायक आशिक़ हुसैन जट्ट से दास्तान-ए-सोहनी महीवाल
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Wednesday 14 September 2011
एक्सक्यूज़ मी फ़ॉर नॉट डाइंग
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लेनर्ड कोहेन की लन्दन कन्सर्ट से कुछ हिस्से
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Tuesday 13 September 2011
गायक बीरा आशिक़ (आशिक़ अली खाँ पेशावर वाले)
नमूने के बतौर क्रमशः राग बहार, कामोद और यमन में ख़याल की बंदिशें पेश हैं. sabhar.kabadkhaana
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न किसी का आंख का नूर हूं
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किसी आंख को सदा दो किसी ज़ुल्फ़ को पुकारो
पटियाला घराने के मशहूर गायक उस्ताद हामिद अली ख़ान साहब की यह ग़ज़ल. sabhar.kabadkhaana
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सैक्सोफ़ोन पर शास्त्रीय जुगलबन्दी
यान गारबारेक नॉर्वेजियाई मूल के संगीतकार हैं. यान गारबारेक ने १९९२ में उस्ताद बड़े फ़तेह अली ख़ां साहब के साथ एक अल्बम तैयार किया था Ragas and Sagasप्रस्तुत है
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You don't bring me flowers anymore
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नील डायमंड मेरे चहेते गायकों में एक हैं। दुनिया के सबसे सफल गायकों में गिने जाने वाले नील के रेकॉर्ड्स बिक्री के मामले में सिर्फ़ एल्टन जॉन और बारबरा स्ट्राइसेन्ड से पीछे हैं। १९६० के दशक से लेकर १९९० के दशक तक एक से एक हिट गाने देने वाले नील इस गीत में बारबरा स्ट्राइसेन्ड का साथ दे रहे हैं। बारबरा स्ट्राइसेन्ड एक बेहद संवेदनशील अभिनेत्री के तौर पर भी जानी जाती रही हैं। एलेन और मर्लिन बर्गमेन के साथ नील के लिखे इस गीत के बोल ये रहे:
Saturday 10 September 2011
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२००६ में आशा भोंसले ने यूनीवर्सल रेकॉर्डस से 'कहत कबीर' संग्रह जारी किया था. आशा भोंसले की आवाज़ में कबीर को सुनना बहुत सुखद अनुभव था. इस संग्रह से आपको सुनवाता हूं अपना पसंदीदा पीस. वैसे तो यह रचना आज से दो साल से अधिक समय पहले कबाड़ख़ाने पर लगाई जा चुकी है पर अब उसके प्लेयर ने काम करना बन्द कर दिया है. आनन्द लीजिए -sabhar-kabaadkhana
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